वैश्विक स्तर पर मची उथल पुथल के बीच दुनियाभर में नौकरियों पर कैंची चल रही है. लगातार कंपनियां कर्मचारियों की छंटनी कर रही हैं.
टाटा ग्रुप की इंजीनियरिंग प्रोक्योरमेंट एंड कंस्ट्रक्शन (EPC) शाखा टाटा प्रोजेक्ट्स इस साल देश के शीर्ष इंजीनियरिंग कॉलेजों से तीन गुना से ज्यादा हाइरिंग करेगी.
टाटा प्रोजेक्ट के चीफ एचआर ऑफिसर गणेश चंदन ने इकनॉमिक टाइम्स को बताया कि टाटा प्रोजेक्ट्स 2022-23 में लगभग 400 नए ग्रेजुएट्स को नियुक्त करेगा.
इन नियुक्तियों में 255 ग्रेजुएट्स भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी) और राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान (एनआईटी) के होंगे. बाकी सरकारी पॉलिटेक्निक कॉलेजों से डिप्लोमा धारकों को नियुक्ति मिलेगी.
बता दें कि टाटा ग्रुप ने 2021-22 में टाटा प्रोजेक्ट के जरिए 250 ग्रेजुएट्स को भर्ती किया था, जिनमें IIT और NIT से लगभग 80 ग्रेजुएट को मौका मिला था.
पिछले पांच वर्षों में कंपनी ने 5,700 के स्थायी कर्मचारी कार्यबल में 1,000 ग्रेजुएट इंजीनियरों और साइंस ग्रेजुएट को शामिल किया है.
हर साल कंपनी इंजीनियरिंग संस्थानों से भर्ती होने वाली महिलाओं की संख्या में वृद्धि कर रही है और इस साल उनकी संख्या लगभग 25 फीसदी है.
पांच साल पहले लगभग 4,000 कर्मचारियों के आधार पर महिलाओं की 3 फीसदी हिस्सेदारी थी. यह अनुपात अब बढ़कर 8 फीसदी हो गया है.
कंपनी का लक्ष्य अगले दो साल में 12 फीसदी पर पहुंचने का है. आने वाले वर्षों के लिए कंपनी 50 फीसदी महिलाओं को नियुक्त करने का इरादा रखती है.
टाटा प्रोजेक्ट्स की हायरिंग ज्यादातर एनआईटी सेंटर वारंगल, कालीकट, सुरथकल, सिलचर और सूरत से होती है. वहीं, ग्रेजुएट्स को बॉम्बे, मद्रास, कानपुर, खड़गपुर, रुड़की और बीएचयू से होती है.
कंपनी हायरिंग के लिए कैंपस विजिट कर रही है. बता दें कि टाटा ग्रुप तमिलनाडु के होसुर प्लांट में एप्पल आइफोन प्रोडक्शन के लिए 45,000 वर्कर्स की हायरिंग भी करने जा रहा है.